करेला के फायदे
- By Health7 --
- Friday, 07 May, 2021
अक्सर खेल के दौरान चोट लगती है और कभी-कभी कान में दर्द की शुरुआत होती है। क्या आप जानते हैं कि आप इन छोटी कठिनाइयों को आसानी से दूर कर सकते हैं? जी हाँ, इस वार्ता में, हम आपको बताएँगे कि आप कैसे करेला का उपयोग करके हर दिन छोटी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं।
अगर स्टोन की समस्या है, तो आपको करेला का रस पीने से बहुत फायदा होगा। यह पत्थरों को हटाने में मदद करेगा। अगर आपको कान का दर्द है, तो कड़वे रस को निकालकर कान में 4-4 बूँद डालें। दर्द से राहत के लिए करेला के पत्तों को गर्म करके घाव पर लगाएं।
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करेला से घाव के दर्द को भी ठीक किया जा सकता है। घाव या दाने से घाव क्षेत्र में करेला पीसी की जड़ लगायें। यह दाने के साथ-साथ मवाद को भी हटा देगा। पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह बहुत फायदेमंद है। बहुत कम लोग जानते हैं कि करेला के रस के अलावा, पत्ते और छाल भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
इसके अलावा, करेला के पत्तों को स्कैल्प पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है। कमरे में कच्ची करी पीसी लपेटें और इसे घुटने में बाँध लें, इससे घुटने के दर्द में राहत मिलती है। यह मुंह की त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद औषधि है। करेला के पत्तों का रस निकालें, कुछ मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे मुंह के घावों पर लगाएं। यदि आपको मुल्तानी मिट्टी नहीं मिलती है, तो करेला का रस निकालें और इसे रुई के साथ रुई वाले हिस्से पर लगाएं। इससे मुंह से त्वचा निकल जाएगी।
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पाचन सही करना
आयुर्वेद में करेले का उपयोग पाचन समस्याओं को दूर करने के लिए दवा के रूप में किया जाता है। यह आंतों के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
करेले में विटामिन-सी पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे आप कई तरह के संक्रमण से बच सकते हैं।
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दिल को स्वस्थ रखता है
करेले में पोटैशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।
शुगर के मरीजों के लिए रामबाण
करेले में औषधीय गुण पाए जाते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए करेला बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर को लेवल में करने के लिए आप अपनी रोजिंदा डाइट में करेले को शामिल कर सकते हैं या फिर करेलो को उबालके इसका भी सेवन कर सकते हैं। क्यूंकि करेले में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है और इसमें कैलोरी कम होती है। जिससे आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और पाचन भी बेहतर होता है।
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गठिया रोग में करेला का उपयोग
गठिया रोग के मारीज को बहुत तकलीफ होती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति का शरीर सामान्य रूप से गतिशील नहीं रहता है। इस समस्या में, करेले के कच्चे हरे फलों का रस गर्म करके लेप बनाएं। इससे गठिया में राहत मिलती है।
करेले का पेस्ट और काढ़ा भी दर्दभरे स्थान पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
अगर आप 10-15 मिली करेले के फल के रस में राई और स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर पीते हैं, तो भी गठिया में लाभ होता है।
करेले के फल को आग पर 10 मिनट रखकर भुर्ता बना लें और इसमें शक्कर मिलाकर रोगी को गरमागरम खिलाएं। सुबह-शाम रोगी को इसे लेने की सलाह दी जाती है। इससे गठिया में आराम होता है। फलों के रस का बार-बार लेप लगाने से भी पीड़ा में आराम मिलता है।
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आंखों के रोग में करेला का उपयोग
करेला आंखों से संबंधित कई विकारों में लाभकारी होता है। आंखों के रोग से पीड़ित व्यक्ति, करेले के पत्तों का रस लें, जो लोहे के बर्तन में निकाला जा सकता है। इसमें एक काली मिर्च का गूंथा हुआ पाउडर मिलाएं। इसे काजल की तरह लगाने से आंखों के दर्द, जलन और रतौंधी में लाभ होता है।
मोतियाबिंद में करेला का उपयोग
करेला मोतियाबिंद में भी फायदेमंद है। मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति, करेले की जड़ को घोड़े के पेशाब (अश्व मूत्र) में घोलकर लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में आंखों में डालने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।
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तलवों की जलन में करेला का उपयोग
कई लोग अपने तलवों में जलन की समस्या से परेशान होते हैं। इस समस्या में, करेले के पत्तों के रस को तलवों पर लगाने से आराम मिलता है।
मुंह के छाले में करेले का उपयोग
मुंह में छाले होने पर करेले के रस में सुहागा की खील मिलाएं। इसे लगाने से लाभ होता है। करेले में पाए जाने वाले पोषक तत्व छालों को जल्दी ठीक करते हैं।
स्तनों में दूध को बढ़ाने के लिए करेला का उपयोग
अक्सर यह देखा जाता है कि कई महिलाएं मां बनने के बाद शिशु के लिए पर्याप्त दूध नहीं पा सकती हैं। ऐसी महिलाएं 20 ग्राम करेले के पत्तों को पानी में उबालकर छानकर पी सकती हैं। इससे स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ती है।
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कान के दर्द में करेले के फायदे
कान के दर्द में करेले का उपयोग बहुत उपयोगी होता है। करेले के ताजे फलों या पत्तों को कूटकर उनसे रस निकालें। इस रस को गरम करके 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो सकता है।
करेला के उपयोगी भाग
करेले का उपयोग निम्नलिखित भागों में किया जा सकता है:
- जड़
- पत्ते
- फल
- पौधा
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करेला का इस्तेमाल कैसे करें?
करेला का सेवन निम्नलिखित मात्रा में किया जा सकता है:
- करेले का रस: 10-20 मिली
- करेले का चूर्ण: 5 ग्राम
किसे करेला का सेवन नहीं करना चाहिए?
करेला का सेवन निम्नलिखित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए:
- लो ब्लडशुगर लेवल से पीड़ित रोगियों और बच्चों को
- करेले के बीज में कुछ नुकसानदेह पदार्थ होते हैं, जो गर्भपात का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
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करेले का साइड इफेक्ट
अधिक मात्रा में करेले का सेवन करने से पेट में दर्द और दस्त की समस्या हो सकती है। ऐसे मामलों में, चावल और घी का सेवन अधिक उपयुक्त होता है।