जानिए गर्मी में ताड़ के फायदे
- By Health7 --
- Monday, 03 May, 2021
ताड़ का फल भारत के तटीय क्षेत्रों जैसे कोंकण, गोवा में महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों में गर्मियों के दौरान पाया जाता है। ताड़ खाने के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप
ताड़ वृक्ष क्या होता है?
- ताड़ वृक्ष एक ऊँचा, सीधा और विशाल वृक्ष होता है। इसके काण्ड कांटेदार और काले रंग के होते हैं। इसके पत्ते हाथ की तरह होते हैं और उनमें शिराओं से बनी धारीदार किनारे होते हैं।
- इसके फूल गुलाबी या पीले रंग के होते हैं और उसके बाद फल आते हैं, जो पकने पर पीले हो जाते हैं। इन फलों में दूधिया जल होता है और पकने पर उनका गूदा लाल और पीले रंग का होता है।
- ताड़ के फल मधुर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनका उपयोग मूत्रदाह और पेट की समस्याओं में किया जाता है। इसके फल कफ को बढ़ाते हैं और रक्त को शुद्ध करते हैं।
- ताड़ की जड़ मधुर होती है और रक्तपित्त को ठीक करती है। इसके फल का रस मधुर और शक्तिशाली होता है, जो तनाव को कम करता है और देर से पचने में मदद करता है।
- ताड़ी का रस अत्यंत मददगार होता है और इसका उपयोग वात और पित्त को बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने में किया जाता है।
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ताल के फायदे
1) ताड़ में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। यह निर्जलीकरण को खत्म करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है। ताकि पाचन क्रिया अच्छे से काम करे। पेट दर्द, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
2) ताड़ उच्च कैलोरी वाले खनिजों में समृद्ध हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इससे शरीर में थकान या कमजोरी नहीं होती है और शरीर तरोताजा रहता है
3) ताड़ में बहुत सारा पानी होता है। यह पानी आपके पेट को भरा रखता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। ताड़ खाने से लंबे समय तक भूख बनी रहती है। गर्मियों में मुँहासे मुख्य रूप से तैलीय त्वचा वाले लोगों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में ताड़ का रस या फल खाने से गर्मी से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है।
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4) गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने से शरीर में निर्जलीकरण होता है जिससे त्वचा में सूजन और निर्जलीकरण होता है। इस समस्या से निजात दिलाने में ताड़ फल काफी फायदेमंद साबित होता है। ताड़ शरीर को ठंडा करके ताजगी प्रदान करती हैं। गर्भवती महिला को हमेशा कब्ज या पेट दर्द की शिकायत रहती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आहार में ताड़ को शामिल करना एक राहत की बात है।
5) ताड़ में एथोसायनिक नामक फाइटोकेमिकल होता है जो ट्यूमर और स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। ताड़ के रस में चीनी मिलाकर रोगी को देने से पेशाब करते समय रुक-रुक कर पेशाब आना, सूजन, दर्द जैसी मूत्र संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
६) बवासीर, बवासीर और फिशर रोग, जिसे अमृत माना जाता है, मूत्र की सूजन को भी खत्म करता है। बालों को पतला करने और बालों को चिकना और चमकदार बनाने की समस्या को दूर करने के लिए ताड़ के पत्तों का इस्तेमाल अमृत माना जाता है।
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7) लड़कियों में मासिक धर्म के दौरान सफेद निर्वहन में वृद्धि। जिससे कि पेट दर्द, पीठ दर्द, खुजली होने लगती है। इस समस्या से राहत दिलाने में ताड़ का फल बहुत फायदेमंद साबित होता है। इस फल में कैल्शियम और फास्फोरस होता है जो समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।
8) गर्मियों की धूप में घर से बाहर निकलना त्वचा के लिए सबसे बड़ी समस्या है। जैसे ही आप धूप में निकलते हैं, त्वचा पर सूजन हो जाती है, खुजली और चकत्ते दिखाई देते हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए चंदन के रस में चंदन पाउडर डालें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और सूखने दें। सूजन की समस्या त्वचा से दूर हो जाएगी। ताड़ की गुठली पोटैशियम से भरपूर होती है जो शरीर से कचरे को साफ करके लीवर की रक्षा करती है।
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ताड़ के पेड़ के फायदे
मूत्र त्याग की परेशानी में राहत दिलाता है ताल का काढ़ा
मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत के लिए ताड़ का काढ़ा (ताड़ का फल) (ताड़ के फल के फायदे) काफी लाभकारी है। यदि मूत्र का रंग बदल जाए या मूत्र त्याग में कठिनाई हो, तो विदारीकंद, कदम्ब और ताड़ के फल का काढ़ा तैयार करके दूध और घी का सेवन करना उपयुक्त है।
हिक्का से मिले राहत
हिक्का की समस्या से निजात पाने के लिए भी ताड़ का सेवन फायदेमंद है। यदि बार-बार हिक्का आता है, तो ताड़ के पत्तों और जड़ का रस मिलाकर सेवन करने से हिक्का बंद हो जाती है। लगभग 5-10 मिली ताड़ पत्तों का रस में 5-10 मिली ताड़ के जड़ का रस मिलाकर सेवन करने से हिक्का ठीक हो जाती है।
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पेट का कीड़ा निकालने में मदद करता है ताड़ का पेड़
बच्चों को पेट के कीड़े से निजात पाने के लिए ताड़ का पेड़ बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन से पेट की कृमियों से छुटकारा मिलता है। ताल जड़ के चूर्ण को समान मात्रा में कांजी में मिलाकर नाभि पर लगाने से भी यह समस्या से राहत मिलती है।
लीवर के बीमारी में फायदेमंद ताड़
लीवर की बीमारी में भी ताड़ का पेड़ फायदेमंद होता है। 10-15 मिली ताड़ फल के स्वरस का सेवन करने से लीवर की बीमारियों में लाभ होता है।
मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद ताड़
मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए भी ताड़ का पेड़ फायदेमंद है। ताड़ के ताजा फल के रस में मिश्री मिलाकर पीने से मूत्र के रुकने, मूत्र त्याग में कठिनाई या जलन जैसी समस्याओं में लाभ होता है। इसके अलावा, ताड़ की कोमल जड़ से बनी पेस्ट को ठंडा करके शालि चावल के साथ पीने से भी मूत्राघात में लाभ होता है।
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पेट के रोगों को ठीक करता है ताड़
पेट के रोगों को ठीक करने में ताड़ का फल (पाम फ्रूट) उपयोगी होता है। इसमें लैक्सेटिव गुण होता है जो पाचन को सहायक बनाता है और कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
पेट में पानीभर जानेकी समस्या में आराम दिलाता है ताड़
पेट में पानी भर जाने की समस्या से ताड़ राहत दिलाता है। ताड़ में मूत्रल (डायूरेटिक) गुण होता है, जिससे शरीर में जमा पानी को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
लीवर के बढ़ने की समस्या को ठीक करने में मदद करता है
लीवर के बढ़ने की समस्या को ठीक करने में ताड़ का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक, ताड़ के फल लीवर को टॉनिक के रूप में समझा जाता है, जिससे लीवर के बढ़ने की समस्या में लाभ मिलता है। इसे कई जगहों पर "लीवर टॉनिक" भी कहा जाता है।
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ताड़ के उपयोगी भाग
ताड़ वृक्ष के पत्ते, जड़, फल और फूल आयुर्वेद में उपयोगी होते हैं।
ताड़ का उपयोग कैसे किया जाता है?
बीमारी के इलाज के लिए ताड़ का सेवन करने का तरीका पहले ही बताया गया है। आपको किसी विशेष बीमारी के उपचार के लिए ताड़ का उपयोग कर रहे हैं तो कृपया एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लें। आचार्य की सलाह के अनुसार, ताड़ के वृक्ष से
- 20-40 मिली रस और
- 1-3 ग्राम चूर्ण का सेवन किया जा सकता है।
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ताड़ सेवन के दुष्परिणाम
ताड़ के सेवन के दुष्परिणाम खांसी, ठंडा लगना, श्वासनाली में सूजन आदि हो सकते हैं।