चावल के फायदे

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि चावल हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है? चावल एक ऐसा खाद्य है जिसे भारत के कई प्रांतों में मुख्यत: भोजन के रूप में खाया जाता है। चावल का सेवन हमारे लिए सिर्फ एक स्वादिष्ट भोजन के रूप में ही नहीं, बल्कि इसमें कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। चावल न केवल एक अनाज है, बल्कि यह एक उत्तम औषधि भी है।

चावल क्या होता है?

  • चावल एक तरह का अनाज होता है। इसके बीजों को हम चावल कहते हैं। यह एक सीधा, छोटा पौधा होता है जो घास की तरह दिखता है। इसका तना लगभग 60-120 सेमी लम्बा होता है, और यह रेशेदार, पत्तेदार, गोल और पीले रंग का होता है। इसके पत्ते सीधे होते हैं, लगभग 30-60 सेमी लम्बे और 6-8 मिमी चौड़े। इसके फूल छोटे गुच्छों में होते हैं, जबकि इसकी बाली हरी और पकने पर पीली होती है।
  • धान के पौधे से होने वाले फल को हम धान कहते हैं, जिससे हम चावल प्राप्त करते हैं। इसके दाने सफेद होते हैं, जिन्हें हम चावल कहते हैं। भारत में अधिकांश स्थानों पर वर्षा के साथ एक बार धान की फसल ली जाती है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह फसल वर्ष में दो या तीन बार भी होती है। चावल के अलावा, धान से और भी कई उत्पाद बनाए जाते हैं जैसे कि चूड़ा, पोहा, आदि।
  • ब्राउन राइस को भूरा चावल भी कहा जाता है। इसमें सफेद चावल के मुकाबले कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, मैंगनीज, फास्फोरस, आयरन, फाइबर, फैटी एसिड, आदि दोगुनी मात्रा में होती है।
  • धान के पौधे की आयु लगभग तीन से चार महीने की होती है। यहाँ, चावल और ब्राउन राइस से होने वाले सभी फायदे को आसान शब्दों में विवरणित किया गया है, ताकि आप इनका पूरा लाभ उठा सकें।

यह भी पढ़ें-आंतरायिक उपवास क्या है? जानें क्या खाएं और क्या न खाएं

चावल के फायदे
चावल में उर्जा प्राप्त करने, ब्लड शुगर को स्थिर करने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीरा करने की क्षमता होती है। इसके साथ ही, चावल के सेवन से पीलिया, बवासीर, उल्टी और दस्त सहित अनेक रोगों का इलाज किया जा सकता है। ब्राउन चावल, जो सफेद चावल से अधिक फायेदेमंद होता है, भी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है।

चावल के औषधीय गुण

  • आयुर्वेद के अनुसार, चावल में तुरंत ऊर्जा प्राप्त करने, ब्लड शुगर को स्थिर करने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने की शक्ति होती है। इसका उपयोग करके पीलिया, बवासीर, उल्टी और दस्त जैसे कई रोगों का इलाज किया जा सकता है।
  • शालि चावल पचाने पर मधुर, पेट को ठंडा करता है। यह फाइबरयुक्त, तैलीय, तेजी से पचने वाला है और वात और कफ को बढ़ाता है। यह पित्त को शांत करता है, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, मांस और मेड़ा की वृद्धि करता है, वीर्य को पोषण प्रदान करता है, मल को बंद करता है और पेशाब को बढ़ाता है, गले की आवाज को सही करता है।
  • लाल शालि चावल सभी शालि धान्यों में सर्वश्रेष्ठ होता है और वात, पित्त, और कफ को संतुलित करता है। इसके अतिरिक्त, यह भूख को बढ़ाता है, हृदय को प्रसन्न करता है, आँखों के लिए लाभकारी है, बुखार और बुखार के कारण होने वाली प्यास को दूर करता है, दम, खांसी और जलन को समाप्त करता है। इसकी जड़ में भी इसी प्रकार के गुण होते हैं।

चावल के फायदे और उपयोग
चावल के सेवन से कई लाभ होते हैं। भूरे चावल (Brown Rice) सफेद चावलों की तुलना में अधिक फायदेमंद होते हैं। चावल का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज में निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें-स्तनों का आकार( ब्रेस्ट साइज ) बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय

स्तनपान की मात्रा बढ़ाने में मदद: शालि चावल के छोटे टुकड़ों को दूध के साथ पकाकर पतली खीर बनाकर खाने से स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की मात्रा बढ़ती है।

पेट में कीड़ों का इलाज में चावल के फायदे: पेट में कीड़े होना अत्यंत दुखदायी होता है, खासकर बच्चों के लिए। यह समस्या बड़ों को भी हो सकती है। चावल को भूनकर उन्हें रातभर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह छानकर इस चावल के पानी को पीने से पेट के सभी प्रकार के कीड़े मर जाते हैं।

बवासीर में चावल के फायदे: पेट की खराबी के कारण होने वाली बीमारी है। भोजन के सही से पाचन न होने और पेट की गर्मी से बवासीर रोग को बढ़ावा मिलता है। शालि और साठी चावल का सेवन खूनी बवासीर में लाभकारी होता है।

मासिक धर्म विकार में ब्राउन राइस के फायदे: मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होने पर दूध में भिगोए हुए लाल शालि चावल को पीसकर मधु मिलाकर सेवन करने से तेज रक्तप्रदर में जल्द लाभ होता है।

दस्त होने पर चावल खाने के फायदे: अगर आपको डायरिया की समस्या है, तो चावल का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। चावल में मौजूद मधुर और कड़वा रस डायरिया होने वाली मल प्रवृति को नियंत्रित करते हैं और इसके लघु गुण उसे जल्दी पाचन में मदद करते हैं।

दस्त को ठीक करने में सहायक: गन्ने से बनी शक्कर को घी में भूनकर पीस लें। इसमें चावल का चूर्ण, मिश्री, और मधु मिलाकर सेवन करने से खून और पेट की गर्मी से होने वाली दस्त पर रोक लगती है। चावल को भात बनाकर तक्र के साथ सेवन करने से भी गर्मी, अत्यधिक प्यास, और दस्त में लाभ होता है।

यह भी पढ़ें-सेक्स पावर बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे

मूत्र रोग में ब्राउन राइस के लाभ: पेशाब में होने वाली जलन और पेशाब में दर्द की समस्याओं में चावल काफी फायदेमंद होते हैं। शतावर, काश, कुश, गोखरू, विदारीकंद, शालिधान (शालिचावल), ईख और कसेरू को बराबर मात्रा में लें और इसे चार गुने पानी में रात भर भिगो दें। इस पानी में 20-40 मिली हिम, मधु और शर्करा मिलाकर सेवन करें। इससे पित के कारण पेशाब में होने वाली परेशानियों में लाभ होता है।

पैरों की जलन और सूजन में ब्राउन राइस के फायदे: चावल, विशेषतः ब्राउन राइस में मौजूद फेनोलिक यौगिक और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण, त्वचा की जलन और लाली को दूर करने में मदद करते हैं।

उल्टी को रोकने में मददगार: चावल का सेवन पेट के लिए उपयुक्त होता है। चावल के लावे से बनी सत्तू में मधु और घी मिलाकर सेवन करने से उल्टी रोक लगती है। शालि धान के लावे की दलिया में मधु मिलाकर सेवन करने से भी उल्टी बंद हो जाती है।

पीलिया में चावल के फायदे: पीलिया रोग लिवर और तिल्ली संबंधी समस्याओं के कारण होता है। रोजाना भोजन में शालि चावल का भात खाने से लिवर और तिल्ली दोनों ही ठीक होते हैं, और पीलिया रोग दूर होता है।

ग्लूटेन मुक्त होने में चावल के फायदे: जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है, उनके लिए चावल एक अच्छा ग्लूटेन मुक्त आहार हो सकता है। वे चावल को अपनी खाने की सूची में शामिल कर सकते हैं।

हड्डियों के टूटने पर ब्राउन राइस के फायदे: टूटी हुई हड्डियों के स्थान पर घास बांधकर, शालि चावल के आटे और शतधौत घी को मिलाकर लेप करने से टूटी हड्डियां जुड़ जाती हैं।

चेहरे की झाई की परेशानी में ब्राउन राइस के फायदे: चावल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। सफेद चावलों को पानी में भिगोकर उस पानी से चेहरे को धोने से चेहरे की झुर्रियाँ और झाइयां मिट जाती हैं।

यह भी पढ़ें-खजूर के औषधीय गुणों और लाभ

बुखार में चावल के फायदे: बुखार होने पर लोग चावल का सेवन बंद कर देते हैं, लेकिन यदि हम शालि चावल का प्रयोग करें तो यह बुखार को दूर करने में भी लाभकारी होता है।

गोक्षुर और छोटी कटेरी के काढ़े से लाल शालि-चावल की पेय बनाकर सेवन करें। इससे बुखार के कारण उत्पन्न होने वाले पसलियों के दर्द, पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द, और सिरदर्द में लाभ होता है।

बॉडी बिल्डिंग में चावल के फायदे: चावल का सेवन शरीर को पुष्ट बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें वृष्य और बृहण गुण होते हैं, जो शरीर को पुष्ट करने में मदद करते हैं।

बालों के लिए चावल के पानी के फायदे: चावल के पानी का इस्तेमाल बालों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह उपाय बालों को मजबूत और सुंदर बनाने के लिए जाना जाता है। चावल के पानी में कई पोषक तत्व और विटामिन्स होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करते हैं।

चावल के पानी का इस्तेमाल कैसे करें:
बालों को धोने के बाद, चावल के पानी को अच्छे से बालों पर लगाएं और उन्हें धीरे से मसाज करें। इसे कुछ समय तक बालों पर छोड़ दें, और फिर ठंडे पानी से धो लें। इसे हफ्ते में कम से कम दो बार करें।

चावल के पानी के फायदे:

  1. बालों की जड़ों को मजबूत बनाए रखता है।
  2. बालों को मोटा और शाइनी बनाता है।
  3. बालों को रुखापन से बचाता है और उन्हें मुलायम और चमकदार बनाता है।

इस तरह, चावल के पानी का उपयोग करके आप अपने बालों को स्वस्थ और सुंदर बना सकते हैं।

यह भी पढ़ें-हल्दी के फायदे

चावल के उपयोगी हिस्से:

  • धान के पौधे की जड़: धान के पौधे की जड़ से बना चावल का पानी बालों के लिए लाभकारी होता है।
  • बीज: चावल के बीज को पानी में भिगोकर चावल के पानी को तैयार किया जा सकता है।
  • चावल का आटा: चावल के आटे को पानी में भिगोकर भी चावल के पानी को तैयार किया जा सकता है।
  • सफेद चावल या ब्राउन चावल के नुकसान और सावधानियाँ:
  • पथरी तथा मधुमेह के रोगियों को चावल नहीं खाना चाहिए: पथरी या मधुमेह के रोगियों को चावल की सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए, और अधिक चावल खाने से बचना चाहिए।
  • मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों को सफेद चावल बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए: मधुमेह रोगियों को सफेद चावल के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह उच्च रक्तशर्करा का कारण बन सकता है। उन्हें ब्राउन राइस का सेवन करना अधिक उत्तम हो सकता है।
  • चावल खाने से मोटापा: चावल का अधिक सेवन करने से मोटापा बढ़ सकता है, इसलिए सेवन की मात्रा को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है।