तैली त्वचा से कैसे घर बेठे छुटकारा पाये बिना किसी दवा और महंगी प्रोडक्ट के बिना
आजकल तेलीय त्वचा की समस्या बहुत आम हो गई है। त्वचा तेलीय होने के कारण मुँहासे, सफेद दाग, काले दाग होने लगते हैं। आपकी त्वचा कैसी है, यह मुख्य रूप से तीन बातों पर निर्भर करती है - लिपिड का स्तर, पानी, और संवेदनशीलता।
तेलीय त्वचा में लिपिड की मात्रा, पानी, और वसा ज्यादा होती है। तेलीय त्वचा में सामान्य त्वचा की तुलना में सेबेसियस ग्लैंड अधिक सक्रिय होते हैं। तेलीय त्वचा होने की ज्यादा संभावना हार्मोनल बदलाव के कारण होती है। कई बार जीवनशैली भी तेलीय त्वचा के लिए जिम्मेदार होती है। कुछ लोगों की प्राकृतिक रूप से तेलीय त्वचा होती है। तेलीय त्वचा में रोमछिद्र सामान्य त्वचा से अधिक बड़े पाए जाते हैं।
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तैलीय त्वचा क्या है?
तैलीय त्वचा में कफ दोष ज्यादा होता है। यह त्वचा बड़े रोमछिद्र वाली होती है। लेकिन इसमें झुर्रियाँ सामान्य त्वचा की अपेक्षा देर से दिखाई देती हैं। इसको "कफज त्वचा" भी कहा जाता है। तेल की अधिकता के कारण इसमें गंदगी और धूल जल्दी जम जाती है, जिससे रोमछिद्र बंद हो सकते हैं। इसलिए इस त्वचा में मुँहासे, ब्लैक हेड्स, और व्हाइट हेड्स ज्यादा होते हैं।
त्वचा की प्रकृति जन्म से होती है, इसलिए तैलीय त्वचा को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर किसी की त्वचा जन्म से ही तैलीय, शुष्क या सामान्य है, तो वह वैसी ही रहती है। परंतु कुछ स्थितियों में, जैसे महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव या अनुचित आहार-विहार के कारण, सामान्य त्वचा भी कुछ समय के लिए तैलीय त्वचा में परिवर्तित हो सकती है। इस लेख में तैलीय त्वचा को दूर करने के उपाय बहुत ही सरल शब्दों में बताए गए हैं।
ऑयली स्किन होने के कारण
ऑयली स्किन या तैलीय त्वचा जन्म से हो सकता है या बहुत सारे कारकों के कारण भी हो सकता है। चलिए, इसके कुछ कारणों को जानते हैं।
1. बदलते मौसम के कारण भी त्वचा तैलीय हो सकती है।
2. कुछ लोगों में अनुवांशिक रूप से त्वचा तैलीय होती है।
3. शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन तैल के उत्पादन के लिए मुख्यता होते हैं। महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन सम्पूर्ण जीवन में घटता-बढ़ता रहता है। जैसे कि रजोनिवृत्ति से पहले या गर्भावस्था के दौरान। यह वसामय ग्रंथियों को तेल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हार्मोनल असंतुलन भी एक मुख्य कारण है, जो तैलीय त्वचा के उत्पादन को बढ़ाता है।
4. अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से, तनाव के समय हमारी त्वचा से अतिरिक्त एंड्रोजन हार्मोन का उत्पादन होता है, जो तैलीय त्वचा का एक महत्वपूर्ण कारण है।
5. कुछ लोगों में अस्वस्थ जीवनशैली का परिणाम भी तैलीय त्वचा हो सकता है।
6. महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन में तेजी से उतार-चढ़ाव होते हैं, जिससे वसामय ग्रंथियाँ नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और अत्यधिक तैल का उत्पादन होता है।
7. हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाओं और हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाओं के कारण भी त्वचा से तैल उत्पादन बढ़ सकता है।
8. किशोरावस्था में लड़के-लड़कियों में हार्मोन एकदम से घटते-बढ़ते हैं, जिससे अतिरिक्त तैल का उत्पादन होता है। यह समस्या 18-21 वर्ष तक रहती है जबकि कुछ में यह समस्या उनके वयस्क अवस्था तक रहती है।
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तैलीय त्वचा से बचाव के उपाय
तैलीय त्वचा के कारण त्वचा पर पड़ने वाले प्रभाव से कैसे बचाव किया जाये इन बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है।
1. जिनकी त्वचा तैलीय होती है, उन्हें बाहर से आकर चेहरे को अच्छी प्रकार से साफ करना चाहिए।
2. चेहरे को अच्छी प्रकार से मॉश्चराइज करें ताकि संतुलित रूप में नमी बनी रहे।
3. जंक फूड यानि बहार का खाना और अधिक तैलीय एवं मसालेदार युक्त भोजन का सेवन न करें।
4. नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम करें।
5. धूल एवं धूप से चेहरे का बचाव करें।
6. दिन में 3 से 4 बार चेहरे को ठन्डे और ताजे पानी से धोएं।
टमाटर में ऑयल एब्सॉर्बिंग एसिड होता है जो त्वचा के अतिरिक्त तेल को सोखने में मदद करता है। एक टमाटर का टुकड़ा लेकर उसको त्वचा पर मसाज करें, जब तक त्वचा उसका जूस न सोख ले। फिर 15 मिनट तक इसे लगाए रखें और फिर ठंडे पानी से धो लें।
मुल्तानी मिट्टी ऑयली स्किन के लिए उपयोगी है। इसे पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे पर लगाएं। जब यह पेस्ट सूख जाए, तो ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
एक और विकल्प है मुल्तानी मिट्टी और आधा चम्मच नींबू का रस या संतरे का रस मिलाना। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। यह आपकी त्वचा को स्वच्छ और ताजगी प्रदान करता है।
मसूर की दाल का लेप लगाने से त्वचा पर जमे तेल की मात्रा में कमी आती है। तैलीय त्वचा के लिए, मसूर की दाल का लेप बनाएं और उसमें थोड़ा सा गुलाबजल मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाएं और कुछ समय के लिए रखें, फिर सादे पानी से धो लें। यह आपकी त्वचा को स्वच्छ और ताजगी प्रदान करेगा।
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दही त्वचा के अतिरिक्त तेल को सोखने में मदद करता है। अपने चेहरे पर दही लगाकर 15 मिनट तक छोड़ दें, फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा को स्वच्छ और ताजगी प्रदान करता है।
हल्दी का मिश्रण तैलीय त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर, आधा चम्मच नींबू का रस, और एक चम्मच शहद को मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाकर सुखने दें, फिर जब यह सूख जाए, गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। आप इस उपाय को ऑयली स्किन केयर के रूप में आजमा सकते हैं।
एक और उपाय है, एक चम्मच चन्दन पाउडर, दो चम्मच बेसन, आधा चम्मच हल्दी पाउडर, दो बूंद रोज़ ऑयल, दो बूंद लैवेंडर ऑयल, और एक चम्मच दूध को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाएं और सुखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें।
गुलाब जल तैलीय त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। त्वचा पर जमी तेल की मात्रा को कम करने के लिए, दिन में एक से दो बार गुलाब जल से चेहरे को साफ करें। कॉटन पैड को गुलाब जल में भिगोकर चेहरे को पोंछें, रात में सोने से पहले ऐसा करना और भी अधिक प्रभावी माना जाता है।
शहद का उपयोग तैलीय त्वचा से निजात पाने में मददगार हो सकता है। शहद में रुखापन के गुण होते हैं जो त्वचा के तेल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। आप चेहरे पर शहद लगा सकते हैं और कुछ समय बाद इसे धो सकते हैं। कुछ दिनों तक ऐसा करने से त्वचा का तैलीयपन काफी कम हो सकता है।
बेसन भी ऑयली त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। बेसन में भी रुखापन के गुण होते हैं, जो त्वचा के तैलीयपन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। जब आप अपना फेस पैक बनाते हैं, तो उसमें थोड़ी मात्रा में बेसन मिलाने के लिए सोचें।
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ग्रीन टी न केवल पीने के लिए ही फायदेमंद है, बल्कि इसका चेहरे पर लगाने से भी त्वचा को लाभ मिलता है। इसमें पॉलीफेनोलिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
आप एक चमचमां ग्रीन टी, एक चमचमां नींबू का रस, और एक चमचमां चावल के आटे को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं। इस पेस्ट को चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं और फिर उसे ठंडे पानी से धो लें। यह उपाय ऑयली त्वचा के लिए काफी लाभकारी हो सकता है।
नींबू त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, विशेष रूप से तैलीय त्वचा के लिए। यह त्वचा के अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने में मदद करता है और त्वचा को स्वच्छ और ताजा बनाए रखता है।
आप एक चम्मच नींबू का रस, आधा चम्मच शहद, और एक चम्मच दूध को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं। इस पेस्ट को चेहरे पर 10-15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। इस उपाय से आपकी त्वचा में ताजगी और रंग की चमक आएगी।
संतरे के छिलके में त्वचा के लिए कई गुण होते हैं, विशेष रूप से तैलीय त्वचा के लिए। यह त्वचा के अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करता है और त्वचा को स्वच्छ और निखारी बनाए रखता है।
आप तीन चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर, चार चम्मच दूध, एक चम्मच नारियल का तेल, और दो से चार चम्मच गुलाबजल को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें, और फिर ठंडे पानी से धो लें। यह उपाय आपकी त्वचा को स्वच्छ और निखारी बनाए रखने में मदद करेगा।
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नीम के त्वचा के लिए फायदे काफी हैं, विशेष रूप से तैलीय त्वचा के लिए। नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा के मुख्य समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
नीम का पेस्ट तैलीय त्वचा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। आप नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उनका पेस्ट बना सकते हैं और इसे अपने चेहरे पर लगाकर छोड़ सकते हैं। यह त्वचा के तेल को नियंत्रित करता है और मुँहासों को कम करने में मदद करता है।
नीम का उपयोग आप नीम के तेल के रूप में भी कर सकते हैं, जो एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। आप इसे अपने चेहरे पर लगाकर रात में छोड़ सकते हैं और सुबह धो सकते हैं। यह त्वचा को साफ़ और ताजगी देता है, और तैलीयता को कम करता है।
समय-समय पर नीम के उपयोग से, आपकी त्वचा सुंदर और स्वस्थ रहेगी, और तैलीयता की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।