कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए घरेलु उपाय
- By Health7 --
- Friday, 16 Feb, 2024
कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त तत्व है जो लिवर से उत्पन्न होता है। यह प्रोटीन के साथ मिलकर एक लिपोप्रोटीन नमक तत्व बनता है जो चर्बी को खून में मिलने से रोकता है हमारे शरीर में २ तरह के कोलेस्ट्रॉल होता है एक अच्छा और दूसरा बुरा, जो अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है उसे हम HDL यानि high-density lipoprotein कहते है और दूसरा जो ख़राब कोलेस्ट्रॉल है उसे हम LDL यानि low-density lipoprotein कहते है , जो अच्छा यानि HDL कोलेस्ट्रॉल है वह काफी मात्रा में हल्का होता है और यह खून वेसेल्स में जमी चर्बी को दूर करने में मदद करता है। और दूसरा जो बहुत ही चिकना यानि चिपचिपा होता है। और इसके साथ ही यह बहुत गाढ़ा होता है अगर यह कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में आपके शरीर है तो यह बहुत ही ख़राब समाचार है आपके लिए क्यूंकि यह कोलेस्ट्रॉल ज्यादा चिपचिपा और गाढ़ा होने कारन आपके खून वेसल्स के दीवार आसपास जम जाता है जिसे खून की बहावत में रुकान होती है। और यह आपके शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। और इसे कही सारी बीमारियां आती है जैसे की हार्टअटेक, एसिडिटी, ब्लडप्रेशर और ओबेसिटी जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल की जाँच के लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसे लिपिड प्रोफाइल कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अच्छी होनी चाहिए। इसके लिए, कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मि.ग्रा/डीएल से कम, एचडीएल 60 मि.ग्रा./डीएल से अधिक और एलडीएल 100 मि.ग्रा/डीएल से कम होना चाहिए।
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कोलेस्ट्रॉल एक वसा है जो हमारे शरीर में पाई जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में कफ की अधिकता होती है, तो कोलेस्ट्रॉल की उत्पत्ति होती है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में दो प्रकार का होता है - गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL– High Density Protine) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL– Low Density Protine)। लेकिन कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा निम्नलिखित होनी चाहिए:
कुल कोलेस्ट्रॉल – 200 से कम– इसका मतलब यह है कि आपका कोलेस्ट्रॉल सही है।
200- 239 – इस मात्रा को 'बॉर्डर लाइन' कहा जाता है।
240 या इससे अधिक – इसे 'अधिक जोखिम' माना जाता है।
HDL – 60 या इससे अधिक– हृदय रोग का कम जोखिम।
40-60– 'नजदीकी-उपयुक्त'।
40 या इससे कम– हृदय रोग का अधिक जोखिम।
LDL – 100 या इससे कम– हृदय रोग का कम जोखिम।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मुख्य कारण
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मुख्य कारण असंतुलित आहार और बुरी लाइफस्टाइल हैं, लेकिन यहाँ और भी कुछ कारण हैं। आपको कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षणों को पूरी तरह समझना चाहिए, ताकि यदि कोई लक्षण दिखें तो आप घरेलू उपचार या एलोपैथिक उपाय का सही इस्तेमाल कर सकें। यहाँ कुछ कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण हैं ।
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यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं जो कोलेस्ट्रॉल की बढ़त का कारण बन सकते हैं:
शराब का सेवन: अधिक शराब का सेवन लीवर और हार्ट को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है।
असंतुलित आहार: जब आप अधिक मात्रा में वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन करते हैं, तो यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ोतरी का कारण बन सकता है। ऐसे भोजन जिनमें लाल फैटी मांस, मक्खन, पनीर, केक, घी आदि शामिल होते हैं, को कम करना चाहिए।
बीमारियाँ: कुछ बीमारियाँ जैसे शुगर और हाइपोथायराइडिज्म भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, नियमित रूप से मेडिकल जांच करवाना महत्वपूर्ण है।
वंशानुगत कारण: अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो यह भी आपके लिए एक कारण हो सकता है। यह आनुवांशिक कारण भी हो सकता है जो हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की बढ़त का कारण बन सकता है।
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तनाव: तनाव में रहने पर लोग अक्सर स्मोकिंग, अधिक शराब पीना और अधिक फैटी खाने का सहारा लेते हैं, जिससे उनके ब्लड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ आम लक्षण हो सकते हैं,
छाती में दर्द: यह दर्द अक्सर हाथ या कंधों में भी महसूस हो सकता है, जो हार्ट संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में परेशानी: यह एक और संभावित लक्षण है जो हार्ट संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है।
धमनियों की ब्लॉकेज: यह एक और सामान्य लक्षण है जो कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने का संकेत हो सकता है, जिससे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में रक्त का परिसंचरण कम हो सकता है।
कब्ज: कब्ज भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने का एक लक्षण हो सकता है।
श्वसन में अशांति: यह भी हार्ट संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है जो कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने के साथ हो सकता है।
नोंध: इन लक्षणों को लेकर अगर आपको किसी भी संदेह हो तो डॉक्टर से सलाह लेना उत्तम होगा।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कुछ घरेलु उपाय
काला चना: काला चना कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें विटामिन-ए, बी.सी, डी, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। उन लोगों को जिनका कोलेस्ट्रॉल उच्च है, काले चने का सेवन करना चाहिए। रात को एक मुट्टी काले चने पानी में भिगोकर छोड़ दें और सुबह इन चनों को खाली पेट खाएं। साथ ही जिस पानी में चने भिगोये थे उसे फेंकें नहीं बल्कि उस पानी को भी पिएं। इसके अलावा, भूने चने खाना भी आपके लिए फायदेमंद है।
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निम्बू: नींबू और अन्य खट्टे फलों जिन में घुलनशील फाइबर होते हैं, जो खाने की थैली में खराब कोलेस्ट्रॉल को रक्त प्रवाह में मिलने से रोकते हैं। और फलों में मौजूद विटामिन-सी रक्तवाहिका नलियों की सफाई करता है। इस प्रकार, बैड कोलेस्ट्रॉल पाचन तंत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। खट्टे फलों में वे एंजाइम्स होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करके बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करते हैं।
लहसुन: लहसुन में कुछ ऐसे एंजाइम्स होते हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, लहसुन का नियमित सेवन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 9 से 15 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसके अलावा, यह हाई ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के घरेलू उपायों में, रोजाना लहसुन की दो कलियाँ छीलकर खाना सबसे अच्छा घरेलू इलाज माना जाता है।
ओलिव ऑइल: ऑलिव ऑइल को कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में मददगार माना जाता है। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है। यह ऑर्टरी की दीवारों को मजबूत बनाता है और हृदय रोग की आशंका को कम करता है। इसके साथ ही, यह हाई ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। अनुसंधान से प्रमाणित हुआ है कि यदि छह सप्ताह तक लगातार ऑलिव ऑयल का सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर में 8 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। अगर आपको कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण दिखाय देते है या फिर महसूस होता हैं, तो रोजाना सीमित मात्रा में ऑलिव ऑयल का सेवन करना आज ही शुरू कर दीजिये।
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अखरोट: अखरोट एक महत्वपूर्ण खाद्य आइटम है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, कॉपर और फॉस्फोरस। रोजाना सुबह चार अखरोट खाने से रक्तवाहिनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है, जिससे आपके बैड कोलेस्ट्रॉल को यकृत तक पहुँचाने में मदद मिलती है। इसलिए, रोजाना चार अखरोट खाने की आदत डालें।
ओट्स: ओट्स में मौजूद बीटा ग्लूकॉन नामक तत्व हमारी आंतों की सफाई करते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण नहीं हो पाता। वैज्ञानिक अध्ययनों से प्रमाणित हुआ है कि तीन महीने तक नियमित रूप से ओट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में 5 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।
सोयाबीन: सोयाबीन, दालें(कठोल) और अंकुरित अनाज में मौजूद तत्व लिवर को मदद करते हैं कि वह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालें। ये चीजें अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करती हैं।
किसमिस: यदि आपको कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत जांच करें और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के घरेलू उपाय अपनाएं। रात को पानी में 10 से 12 किशमिश और 6 से 7 बादाम भिगोकर रखें। सुबह खाली पेट बादाम और किशमिश का सेवन करें, यह भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार होता है। कोलेस्ट्रॉल के मरीज इनका नियमित सेवन करें, ध्यान रहे कि अगर आपको शुगर है तो किशमिश का सेवन ना करें।