खर्राटे के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

जब हम सोते हैं तो कभी-कभी जो आवाज और गुबारे की तरह की आवाज आती है, उसे 'खर्राटा' कहते हैं। यह नींद से संबंधित एक समस्या है। खर्राटे की आवाज नाक या मुंह से आती है, और यह कभी-कभी नींद के बाद शुरू और बंद हो सकती है। खर्राटे आते समय हमारी सांसें अंदर लेते हैं और इसका कारण हमें नींद से जगा सकता है। जब खर्राटे आते हैं तो गले में जलन की समस्या हो सकती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि इस समस्या का कोई उपाय नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है। आप खर्राटे को घरेलू उपायों से ठीक कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि खर्राटे क्यों होते हैं।

खर्राटे क्यों आते हैं?
खर्राटे एक प्रकार की आवाज होती हैं जो जब हम सोते हैं तो उत्पन्न होती है। यहाँ कुछ कारण बताए जा रहे हैं जिनसे खर्राटे आ सकते हैं।

  1. जब हम नींद के दौरान नाक और गले के माध्यम से हवा को सही ढंग से नहीं लेते।
  2. गले की त्वचा में हवा का बहाव कंपन उत्पन्न करता है।
  3. अगर गले और नाक के ऊतक में ज्यादा कंपन हो।
  4. जीभ की स्थिति भी सांस लेने में बाधा डालती है जिससे खर्राटे हो सकते हैं।

हां, आयुर्वेद में खर्राटों के इलाज के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों का प्रयोग करके आप खर्राटों से छुटकारा पा सकते हैं। चलिए देखें कि खर्राटों को कैसे आयुर्वेदिक तरीके से ठीक किया जा सकता है।

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खर्राटे आने के लक्षण:

  1. खर्राटे के कुछ लक्षण हो सकते हैं:
  2. सोते समय तेज आवाज के साथ सांस लेना और छोड़ना।
  3. थोड़ी देर के लिए सांस रुक जाना।
  4. सांस रुकने की रफ्तार बढ़ना।
  5. सोते समय सांस ना आने पर हड़बड़ा जाना।
  6. दिन भर सुस्ती और आलस्य महसूस होना।
  7. भीड़ और शोर से परेशानी महसूस होना।

खर्राटे आने के कारण:

  1. मोटापा: वजन बढ़ने से गर्दन पर अतिरिक्त मांस जम जाता है, जिससे आधे से अधिक हवा का प्रवाह रुक जाता है।
  2. शराब: अधिक शराब पीने से गले की मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं, जिससे खर्राटे हो सकते हैं।
  3. मांसपेशियों में कमजोरी: गहरी नींद, अधिक शराब पीना, या उम्र के साथ यह समस्या बढ़ सकती है।
  4. साइनस: साइनस समस्याएँ नाक के छिद्र को बंद करके खर्राटे उत्पन्न कर सकती हैं।
  5. सोने का तरीका: गले का संकरा होना भी खर्राटे के कारण हो सकता है।
  6. सर्दी: लंबे समय तक नाक बंद रहने से भी यह समस्या हो सकती है।
  7. नाक की वायुमार्ग में रुकावट: नाक में विकृति या रुकावट से भी खर्राटे हो सकते हैं।
  8. आनुवंशिक: इस समस्या को आनुवंशिक भी माना जाता है।

बच्चों को खर्राटे आने के कारण:

  1. टॉन्सिल्स का बढ़ना।
  2. जीभ की मोटाई।
  3. जुकाम या नाक में रुकावट जैसे हड्डी की टेढ़ापन के कारण।

खर्राटे रोकने के घरेलू उपाय:
1. लहसुन:
लहसुन में विभिन्न गुण होते हैं जो खर्राटों को कम करने में मदद करते हैं। लहसुन की कली को सोने से पहले लें।

2. इलायची: इलायची सर्दी-खांसी की दवा के रूप में काम करती है और श्वसन-तंत्र को खोलने में मदद करती है। रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ पिएं।

3. खर्राटा बंद करने के लिए स्टीम थेरेपी: नाक बदं होने से खर्राटों की समस्या होने लगती है। इसका सबसे अच्छा समाधान स्टीम थेरेपी है। इससे बंद नाक खुल जाता है, और खर्राटों से राहत मिलती है।

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4. पुदीना का तेल: पुदीने में ऐसे तत्व होते हैं जो सांस लेने को आसान बनाते हैं। सोने से पहले पानी में पुदीना ऑयल मिलाकर गरारा करें।

5. दूध: दूध कई बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है। रात को सोने से पहले कम से कम एक कप दूध पिएं। इससे खर्राटे आने बंद हो जाते हैं।

6. हल्दी और दूध: हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं, जो नाक को साफ करते हैं। इससे सांस लेना आसान होता है। रोज रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से फायदा होता है।

7. दालचीनी: गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएं। यह निजात दिलाने में मदद कर सकती है।

8. खर्राटा बंद करने के लिए शहद: एक ग्लास गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर सोने से आधा घंटे पहले पिएं। शहद में एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो गले और नाक में सूजन होने से रोकते हैं। इससे सांस लेने में आसानी रहती है।

9. ऑलिव ऑयल: ऑलिव ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वसन-तंत्र को सुचारू बनाए रखने में मदद करते हैं। सोने से पहले, थोड़ा ऑलिव ऑयल में शहद मिलाकर लें।

खर्राटे की समस्या के लिए जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः

  1. एक्सरसाइज करें: शरीर के हर भाग की एक्सरसाइज करें, जैसे हाथ, पैर और एब्स की एक्सरसाइज। गले की मांसपेशियों की एक्सर्साइज करने से खर्राटे कम हो सकते हैं।
  2. अपना वजन कम करें: मोटापे से ग्रस्त लोगों में अक्सर खर्राटे होते हैं। वजन घटाने से खर्राटे कम हो सकते हैं।
  3. सोने के लिए उचित तकिया रखें: साफ तकिया और अलग-अलग पोजिशन में सोने से खर्राटे कम हो सकते हैं।


खर्राटे की समस्या के लिए आहार ऐसा होना चाहिएः

  1. भूख से कम भोजन करें।
  2. रात को सोने से पहले ज्यादा मात्रा में भोजन ना करें।

खर्राटों की समस्या के दौरान आपको इन बातों से परहेज करना चाहिए:

  1. रात को नहीं जागें: अधिक देर तक जागे रहना खर्राटों को बढ़ा सकता है।
  2. नींद की गोलियां का सेवन ना करें: सोने से पहले नींद की गोलियों का सेवन न करें, क्योंकि इससे खर्राटे बढ़ सकते हैं।
  3. धूम्रपान या नशीले पदार्थ का सेवन ना करें: धूम्रपान करने से खर्राटे की संभावना बढ़ सकती है, क्योंकि यह वायुमार्ग को प्रभावित कर सकता है और फेफड़ों की क्षमता को कम कर सकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को भी ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो सोते वक्त खर्राटे बढ़ा सकती हैं।

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खर्राटे से जुड़े आपके सवालों के जवाब:

1. साइनस वाले मरीज को खर्राटों की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए?
साइनस के मरीजों को हमेशा सावधानियां बरतनी चाहिए। सोने से पहले भाप लेना खर्राटों को कम करने में मददगार हो सकता है। यह सारी गंदगी को निकालकर सांस लेने को आसान बनाता है।

2. खर्राटों की परेशानी में डॉक्टर को कब संपर्क करना चाहिए?
आपको अगर निम्नलिखित परेशानियों से पीड़ित होने की संभावना है, तो डॉक्टर से संपर्क करेंः

  1. उदास मन हो।
  2. चिड़चिड़ा व्यवहार हो।
  3. एकाग्रता कम हो रही हो।
  4. दिन के समय भी सुस्ती लगे।
  5. नींद के दौरान सांस रोकते हों।
  6. खर्राटे की समस्या अधिक हो।
  7. सुबह उठने के बाद आराम ना मिले।
  8. सुबह उठथे ही सिर में दर्द महसूस हो।
  9. सोते समय सांस फूलती हो या जागने के बाद पसीने से भीगे हुए हों।