जामुन के फायदे 

जामुन सबको पता ही है। जामुन बारिश के मौशम के समय से पहले पहले आने लगते है। जो दिखने में काळा और छोटे होते है। क्या आपको पता है आयुर्वेद में जामुन को गुणकारी और फायदेमंद मन जाता है। क्यूंकि आयुर्वेद में जामुनको सबसे ज्यादा मधुमेह नियंत्रण  करने के लिए पहचाना जाता है। जामुन में बहुत सारे औषधि गुण होता है ऐसा मन जाता है। इस औषधि गुण आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में बताया गया है की जामुन में आयरन, फायबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड और कैल्शियम होता है जिसे किडनी स्टोन को दूर करना, आँखों के लिए, चेहरे के लिए, दांतों के लिए, लिवर को साफ रखने में, और पाचन में भी जामुन बहुत ही गुणकारी माना जाता है। जामुन बच्चे से लेके बड़े तक के लिए बहुत ही फायदेमंद है। 

आयुर्वेद में जामुन के पते और बीज का भी औषधि में इस्तेमाल किया जाता है। जामुन के छाल से सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ता है और साथ ही शारीरिक शक्ति में भी बढ़ावा होता है। पेट में ख़राब पदार्थो और पेट के कीड़ो को खत्म करता है। सफ़ेद जामुन के छाल लोही संबंधी बिमारियों के लिए फ़ायदेमंदे होता है। इसके साथ हृदय रोग, कफ, पिट और कही साडी बिमारियों के लिए जामुन अच्छा मन जाता है। इसे खाने से पेट की जलन (एसिडिटी) और साथ ही शरीर की जलन भी मिटाता है।

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मोतियों के बीमारी के लिए जमुन के फायदे 
४५ की उम्र के बाद कही लोगों को मोतियों की समस्या होती है। लेकिन क्या आपको पता जामुन इन लोगो के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद है। जामुन के बीज का चूर्ण करके उसमे सहद (मध) अच्छे से मिलाके 3-3 ग्राम की छोटी छोटी गोली बनाके रोजाना सुबह और साम १ से २ गोली का सेवन करने से आपकी समस्या जल्दी दूर हो जाएगी। और इन गोलियों को सहद में घिसकर आँखों के निचे लगाने से मोतिया में बहुत ही अच्छा लाभ मिलेगा। 

कान के रोगों को लिए जामुन के फायदे 
कभी कभी कान में घाव लगने पर या फिर किसी और कारणों से कान में खून या पस (परु) निकलता है तो इनके लिए जामुन के बीज में शहद को मिलाके इसके घोलके १ से २ बून्द घाव क ऊपर दाल ने से खून और पस बहना बंध हो जायेगा साथ ही दर्द में रहत मिलेगी। 

मुहासे (पिम्पल्स) के लिए जामुन के फायदे 
आज कल की पीढ़ी मुहासे यानि पिम्पल्स से बहुत परेशान है इसके लिए जामुन का रस या जामुन की पतियों का रास मुँह पे लगाने से मुहासे की समस्या दूर हो जाती है।  क्यूंकि जामुन और पतियों का रस मुँह को क्लीन करता है और त्वचा को ऑयली  नहीं होने देता जिसे मुहासे बढ़ते नहीं है और पुराने वाले जल्दी मिट जाते है। और इसके अलावा जामुन में कषाण गुन होने के कारण मुँह को स्वस्थ और सुन्दर बनाने में मदद करता है। 

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मुँह के छाले के लिए जामुन के पते का फायदा 
जो लोग खान पान की वजह से मुहमे होने वाले छाले से परेशान है उनके लिए जामुन के पते बहुत ही फायदेमंद है। जामुन के पते का रस निकल के उसे कोगले करने से छाले बैठ जाते है और दर्द में राहत मिलती है। रोजाना 10 से 15 मिली जामुन के फल के रास का सेवन करने से गले के रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा जामुन के पेड़ के पते का चूर्ण बनाके सहद के साथ सेवन करने से गले में बहुत राहत मिलती है। 

दांतों के दर्द के लिए जामुन के फायदे 
छोटे से लेके बड़े जिन लोग डेंटन से परेशान है इनके लिए जामुन कोई चमत्कार से कम नहीं है। जामुन के पत्तों का चूर्ण कर के उसे दांतो और मसूडे मे लगा के घिसने से मसूड़े मजबूत बनते  दांत से जुड़ी समस्या दूर होती है। जामुन के एकदम पके हुए फल का रस निकालके मुँह में पानी की तरह भरके कोगले करने से मुँह में रहे कितनी को बहार निकलता है और दांतों के रोग को ख़तम करता है। 

लिवर की बिमारियों में जामुन के फयदे 
अगर किसीको भी लिवर में दर्द या फिर सूजन हो तो ऐसे लोगों को जामुन के बीज के २ से ३ बून्द या फिर १० मिली रस का सेवन करने से लिवर में जो सूजन और दर्द है उसमे राहत मिलती है। और इसका रोजाना सेवन करने से बढ़ते लिवर के विकार में बहुत ही लाभदाय माना जाता है। 

पथरी के रोगों के लिए जामुन के फायदे 
इन लोग पथरी यानि किडनी स्टोन से परेशान है इन लोगों को रोजाना पके हुए जामुन के फल का १० मिली रस में २५० मिलीग्राम सेंधा मानक मिलाके इसका रोजाना दिन में २ से ३ बार सेवन करने से पथरी मूत्राशय के द्वारा टूटकर बहार निकल जाती है। इसके अलावा १० से १२ ग्राम कोमल पत्तों को पीसके इसमें २ से ३ काली मिर्च यानि मरी पाउडर मिलके इसका सुबह शाम सेवन कर ने से पथरी बहार निकल जाती है। जिसे आपको हमेशा के लिए पथरी से छुटकारा मिल जायेगा। 

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डायबिटीज को नियंत्रित करने में जामुन के लाभ:

जामुन (काले आलूबुखारा) का सेवन करना मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद है। यहां एक सरल तरीका है इसका उपयोग करने का:
   1. 100 ग्राम जामुन के बीज लें, इन्हें साफ करें, और 250 मिलीटर पानी में कुचलें।
   2. इसमें 20 ग्राम शहद मिलाएं और इसे नाश्ते और रात के खाने से पहले पिएं। इससे मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद हो सकती है।

 
एक और उपाय में, जामुन के बीज, सौंठ पाउडर, और गुड़मार (एक जड़ी-बूटी) का पाउडर बनाएं। इन्हें बराबरी में मिलाएं, मिश्रण को कपड़े से छानकर छोटी गोलियों में बना लें। इसे शहद के साथ रोजाना तीन बार लेना मधुमेह के लिए फायदेमंद हो सकता है।


सूखे जामुन के बीजों (300-500 मिलीग्राम) से पाउडर बनाकर इसे तीन बार लेने से भी मधुमेह में लाभ हो सकता है।
500 मिली पानी में पके हुए 250 ग्राम जामुन फलों को उबालें। इसे थोड़ी देर तक उबालने दें, फिर फलों को मसलकर पानी को कपड़े से छान लें। इस पानी को रोजाना तीन बार पीने से मधुमेह और मूत्र संबंधित रोगों में फायदा हो सकता है।


बड़े आकार के जामुन के फलों को धूप में सुखा कर चूर्ण बना लें। 10 से 20 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण का रोजाना तीन बार सेवन करना मधुमेह में फायदेमंद हो सकता है।
जामुन की छाल की राख, 625 मिलीग्राम से 2 ग्राम तक की मात्रा में, रोजाना तीन बार सेवन करने से मधुमेह के लिए मूत्र में शक्कर की स्तिथि को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।