साधारित तरीके से समझें: जिस फंगल इंफेक्शन से 38 लाख लोग मर रहे हैं, ऐसे करें खत्म
वैज्ञानिकों ने बताया है कि फंगल इंफेक्शन के कारण होने वाली मौतें दोगुनी हो गई हैं. यह स्टडी दिखा रही है कि हर साल फंगल इंफेक्शन के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, और विश्वभर में 38 लाख लोग इसके कारण मर रहे हैं. अध्ययन ने बताया है कि लोगों को इस बीमारी की जानकारी नहीं होती और डॉक्टर भी इसे सही से पहचान नहीं पा रहे हैं.
कैंडिडा फंगस सबसे ज्यादा खतरनाक है. इससे हर साल 15 लाख लोग प्रभावित होते हैं, और 10 लाख लोग इसके कारण मर जाते हैं. कैंडिडा की जांच करना मुश्किल है, और इसका इलाज न किया जाए तो सेप्सिस हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है, विशेषकर डायबिटीज और किडनी फेल वाले मरीजों के लिए.
कैंडिडा फंगस हर इंसान के शरीर में हो सकता है, और यह मुंह, स्किन, और आंतों में पाया जा सकता है. इसके बढ़ने से शरीर में गुड बैक्टीरिया की कमी हो सकती है, जिससे अनेक बीमारियां हो सकती हैं.
फंगल इंफेक्शन का खतरा नवजात बच्चों, बच्चों, बुजुर्गों, इम्यूनिटी कमजोर होने वालों, अस्पताल जाने वालों, सर्जरी होने वालों, कैथेटर लगवाने वालों, और कुछ महिलाओं को ज्यादा है. विशेषकर जल्दी-जल्दी प्रेग्नेंसी, बर्थ कंट्रोल पिल का ज्यादा इस्तेमाल, ज्यादा एंटीबायोटिक का इस्तेमाल, और कमजोर इम्यूनिटी वाली महिलाओं के लिए.
कैंडिडा फंगस शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकता है और इसके लक्षणों में रेडनेस, खुजली, छाले, चकते, दर्द, बर्निंग सेंसेशन, वेजाइनल डिस्चार्ज शामिल हो सकते हैं. उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.
कैंडिडा का इलाज सामान्यतः सौ फीसदी संभव है. एंटी फंगल दवा और क्रीम का उपयोग करके इसे ठीक किया जा सकता है. लेकिन अगर यह बहुत ज्यादा बढ़ जाए और सेप्सिस हो जाए तो इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है. इसलिए, शरीर में लक्षण दिखने पर तुरंत इसका इलाज करवाएं.