
Black Fungal
Black Fungal कोरोना वायरस का जुड़ा कनेक्शन, जो छीन रहा आंखों की रोशनी और हो रही है मृत्यु, म्यूकॉरमाइकोसिस है क्या?
- By Health7 --
- Sunday, 20 Dec, 2020
कोरोना के बाद आया नया रोग। कोन सा हे रोग ? क्या होता हे इस रोग में ?
विग्नानिको के अनुसार कोरोना के बाद में आया ब्लैक फंगल जो आपकी आँखों की रौशनी छीन लेता हे।
पूरी दुनिया में अभी भी हाहाकार मचा हुवा है। क्योकि अभी तक कोरोना का खतरा कम हुवा नहीं है। तभी लोगो के कोई दूसरी और अजीब तरह की बीमारी का सामना करना पढ है। इस बीमारी को सर्जन 'म्यूकॉरमाइकोसिस' (Mucormycosis) के नाम से पहचानते है। पहले हम उसे (zygomycosis) इस नाम से बुलाते थे। जो की एक अत्यंत अलग तरह का इन्फेक्शन है। इसके मामले इंडिया में यही शहरो में आये सब से पहले इंडिया की कर्रंसी राजधानी मुंबई में , राजधानी दिल्ली में और बाद में गुजरात के अहमदाबाद में आये है।दो-तीन दिनों के पहले गुजरात के अहमदाबाद में ४५ केसेस दर्ज हुए और उनमेसे ९ लोगो की मोत हुइए। इस बीमारी से कई लोगो की आँख की रौशनी चली जाती है। ,देशभर कई जगह से ये मामले देखे गय्ये है।
कई विग्नानिको के अनुसार जब भी कमजोर प्रतिरक्षा , आईसीयू में और ट्रांसप्लांट के दौरान मरिजो की मोत का कारण रही चुकी है। पर कुछ दिनों पहले पता चला की जो कोरोना के साथ संक्रमित हुए थे उनसे रिकवरी होके घर आये उनमेसे कुछ लोगो इस बीमारी के कुछ लक्ष्ण देखय दिय्ये, जिसने पूरी गवर्नमेंट और डॉक्टरों को चिंता डाल दिया। ईएनटी(Eye, Nose, Ear) सर्जन्स के अनुसार बाईट बीते हुए कुछ २० सी २५ दिनों में कोरोना के मरीजों में से १४ मामले पाइये गए। इन रोग में मरीज की आँखों रौशनी चली गए हे। इस बीमारी में मरीज की जबड़े की हड्डी और नाक की हड्डी भी निकाल नी पड सकती हे।
म्यूकॉरमाइकोसिस है क्या?
यह एक तरह का बहोत ही दुर्लभ फंगल सक्रमण है। जिस में मुकरोमैकेटेक नामक मोड्स आता है। येह मोडल्स वातावरण में हाजिर रहता है। इस सक्रमण की शुरुवात नाक से होती है फिर धीरे धीरे आँखो तक फेल जाता है। फिर भी मरीज को अच्छी ट्रीटमेंट एवं अच्छे डॉक्टरो की नज़र में रखा जाइये तो मरीज ठीक भी हो सकता है। अगर मरीज का का अच्छे से इलाज ना हो तो मरीज को अपनी जान भी गवानि पड़ सकती है। अगर संक्रमण आँख तक पहोंच गए तो वो आँख की पुतलिओं की मासपेसिओ को लकवा मार जाता है, जिनसे आँखो की ऱोशनी चली जा सकती है। अगर ऐ बीमारी मगज (दिमाग) तक पहोच जाती है तो फिर इससे मेनिजिटिस हो सकता है। इस में रीढ़ और मस्तक की हड्ड़ी के आसपास सूजन आ जाती है।
विग्नानिको और डॉक्टरों के अनुसार यह सक्रमण अधिकतर लोगो में खतरनाक नहीं होता है परंतु जिनकी रोगों के सामने की प्रतिराकारक शक्ति कमजोर है , वो मरीजों में येह उनके फेफड़ो तक पहोच जाता है। जो फिर शरीर के कई अंगो तक फेल जाता है। येह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तिको फैलने वाली नहीं है। इसे बीमारी के लक्ष्णों नाक बंध होना, नाक का सुख जाना और गला और आँख में सूजन आ जाना है। इस के कुछ भी लक्षण देखय दे तो डॉक्टर का संपर्क करये। अभी ही कुछ दिनों के पहले गुजरात के अहमदाबाद में करीब ४५ साल से अधिक उम्र वाले लोगो दर्ज हुई उनमेसे ९९% फीसदी लोगो को डायबटीज, ब्लड-प्रेस्सर जैसी कई बीमारिया थी। अभी ही कुछ दिनों के पहले गुजरात के अहमदाबाद में करीब ४५ साल से अधिक उम्र वाले लोगो दर्ज हुई उनमेसे ९९% फीसदी लोगो को डायबटीज, ब्लड-प्रेस्सर जैसी कई बीमारिया थी। दिल्ली और मुंबई में भी इनके मामले सामने सामने आये है। अहमदाबाद में करीब ४५ मरीजों को इस बीमारी के लक्ष्ण दिखय दिए तो उन सब मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराये गए। जिनमेंसे १० लोगो की मृत्यु हो गए। दिल्ली में भी करीब १० मामले मिले जिनमेंसे ६०% फीसदी लोगो की आँखों की रौशनी चली गए।