जानें कि मिठाई पर चांदी की पन्नी कितनी हानिकारक है।

भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां खाद्य सामग्री को सिल्वर फॉइल में लपेट कर बेचा जाता है। खरीदारों को उन सभी को कॉल करने की संभावना है जो उचित दिखते हैं, अगर कुछ ही हैं। सिल्वर फॉयल में लिपटे हुए सामानों को बड़े चाव से खाया जाता है। लेकिन सिल्वर फॉयल बनाने के तरीके से हर कोई वाकिफ नहीं है। सिल्वर फॉइल का उपयोग खाद्य पदार्थों जैसे पत्ते, मेवे, मिठाई में किया जाता है। जो मुगल काल से भारत में प्रचलन में आया।

सिल्वर फ़ॉइल को जानवरों की खाल के बीच चाँदी का टुकड़ा रखकर और हथौड़े से कुचलकर बनाया जाता है। यदि वास्तव में चांदी का एक टुकड़ा इसमें उपयोग किया जाता है, तो यह अभी भी जानवर की खाल के बीच रखा जाता है। जो गंदा होने के साथ-साथ संक्रामक भी है।

यह केवल भारत के कुछ शहरों में बनाया गया है। जहां इसे हथौड़े से गंदे वातावरण में तैयार किया जाता है।

 सिल्वर फॉयल नुकसान करक है 
सिल्वर फॉयल का उपयोग करने से यह धीरे-धीरे शरीर में घर बनाता है। जो बाद में कभी भी बड़ी मुसीबत बन सकता है। इससे कैंसर भी हो सकता है। यह पन्नी शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए अगर आप बाजार से मिठाई खरीद रहे हैं, तो ऐसी पन्नी वाली मिठाई खाने से बचें।

चिकित्सा में चांदी का उपयोग आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में वर्णित है। इसे कई प्रयोगों द्वारा दवा में मिलाया जाता है। लेकिन आधुनिक विज्ञान चांदी और चांदी की पन्नी के लाभों को स्वीकार नहीं करता है।

दूसरी ओर, चांदी को आज निकल और एल्यूमीनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है, जो कि सिल्वर फ़ॉयल की आड़ में भारत में बेचे जाते हैं।