आपने कभी खजूर खाए होंगे, क्योंकि आपको पता है कि खजूर खाने से फायदे होते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि खजूर के सेवन से हमें कितने सारे फायदे मिलते हैं और सही समय क्या है खजूर खाने का? आयुर्वेद के अनुसार, खजूर बहुत ही उपयोगी होता है और इससे कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। शारीरिक कमजोरी, खून की कमी, बेहोशी, जलन, बुखार या बहुत ज्यादा प्यास की समस्याएं, ये सभी खजूर के सेवन से दूर हो सकती हैं।
डॉक्टर या घर के लोग आमतौर पर खजूर का सेवन सुझाते हैं, क्योंकि यह शुक्राणु विकार, हृदय रोग, भूख की कमी, नाक से खून बहने की समस्या, सांसों की बीमारी, खांसी आदि में भी लाभकारी होता है। अब चलिए देखें कि खजूर खाने का सही समय क्या है और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं।
खजूर, जिसे खर्जूरी भी कहते हैं, एक प्रकार का फल है। यह फल बहुत ही पोषणशाली और शक्तिशाली होता है। खजूर का पेड़ बहुत ऊंचा होता है, जैसे ताड़ का पेड़। आयुर्वेदिक पुस्तकों में, तीन प्रकार के खजूर का उल्लेख होता है। इस लेख में, हमने खजूर के सभी फायदे को आसान शब्दों में वर्णित किया है ताकि आप उन सभी लाभों को हासिल कर सकें, लेकिन खजूर को औषधि के रूप में उपयोग करने से पहले, डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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खजूर के औषधीय गुणों और उपयोगों के बारे में जानिए:
दांतों के रोग में खजूर के सेवन से लाभ: खजूर की जड़ को जलाकर भस्म बना लें और इसे मंजन करें। इससे दांतों की पीड़ा में राहत मिलती है।
खांसी में खजूर के सेवन से लाभ: खजूर, अंगूर और शर्करा को पीसकर घी में पकाएं। इसमें पिप्पली और मधु भी मिलाएं। इस संयोग को मात्रापूर्वक सेवन करने से गले की खराश और खांसी में आराम मिलता है। इसके अलावा, खर्जूर, पिप्पली, अंगूर, शर्करा और धान का लावा लेकर मधु और घी के साथ मिलाकर सेवन करने से पित्तज दोष के कारण होने वाली खांसी में भी लाभ मिलता है।
हड्डियों को मजबूत बनाना: खजूर (डेट) में कॉपर, सेलेनियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपकी हड्डियों को मजबूत रखने और उनसे जुड़े रोगों से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसमें विटामिन K भी होता है जो खून को गाढ़ा करने में मदद करता है और हड्डियों के मेटाबोलिज़्म को सहायता प्रदान करता है।
ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों में, हड्डी के टूटने की संभावना अधिक होती है। खजूर (डेट) आपकी हड्डियों को मजबूत और ताकतवर बना सकता है।
शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद: खजूर (डेट) और खजूर का अर्क (डेट एक्सट्रेक्ट) लीवर के स्वास्थ्य को सही रखने में मदद करता है और लीवर फाइब्रोसिस को भी रोकता है। इसके बाद, खजूर (डेट) आपके शरीर को प्राकृतिक तरीके से डिटॉक्स करता है, क्योंकि लिवर अपशिष्ट (वेस्ट) और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है। नियमित रूप से खजूर का अर्क (डेट एक्सट्रेक्ट) का इस्तेमाल करने से लीवर फाइब्रोसिस कम हो सकता है, जिससे लीवर सिरोसिस होने का खतरा भी कम हो जाता है।
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मधुमेह के खतरे को कम करने के लिए: मधुमेह (डायबिटीज़ मेलेटस) सबसे आम बीमारियों में से एक है। खजूर (डेट) से मधुमेह होने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है, इसलिए मधुमेह के मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर अपनी खानपान में बदलाव करने चाहिए। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि खजूर खाने से ब्लड शुगर भी बढ़ सकता है, इसलिए इसका सेवन नियंत्रित रूप से करना चाहिए।
त्वचा को सुंदर बनाए: खजूर (डेट) विटामिन सी और डी का बेहतरीन स्रोत है जिससे त्वचा कोमल और मुलायम बनती है। खजूर में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं और यह मेलेनिन को इकठ्ठा होने से रोकता है।
वज़न घटाने में मदद करे: व्यायाम करने से पहले रोज़ सुबह खाली पेट खजूर (डेट) खाने से आप अपने अंदर ताकत महसूस करेंगे, जिससे आप सेहतमंद तरीके से अपना वज़न कम कर पाएंगे। खजूर (डेट) में ज़्यादा मात्रा में फाइबर का होना इसकी वजह से होता है, जो बड़ी आंत में अवशोषण को धीमा कर देता है। इससे आपको ज़्यादा समय तक अपना पेट भरा हुआ महसूस होगा और खाना खाने की ज़रूरत भी कम महसूस होगी, जिससे आपके शरीर में ज़्यादा कैलोरी नहीं जमेगी। आप जितना ज़्यादा कैलोरी खाएंगे उतना ही आपको उसे जलाने की ज़रूरत होगी। इसी तरह, आप अपने मुख्य भोजन के बीच एक स्वस्थ लेकिन संतोषजनक नाश्ते के रूप में 6-7 खजूर (डेट) भी खा सकते हैं। खजूर (डेट) से शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का बनना कम होता है जिससे मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है।
हिचकी की समस्या में खजूर के सेवन से लाभ: 2-4 ग्राम खर्जूर बीज को 500 मिग्रा पिप्पली चूर्ण के साथ मधु मिलाकर सेवन करें। यह हिचकी की समस्या में लाभकारी होता है।
शारीरिक कमजोरी दूर करने में खजूर के गुण: खजूर को बादाम, पिस्ता, शक्कर के साथ मिलाकर खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
खजूर के औषधीय गुण से उल्टी का इलाज: 2-4 ग्राम खजूर फल को मधु, मिश्री और पिप्पली चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे पित्तज दोष के कारण होने वाली उल्टी पर रोक लगती है।
ग्रहणी (आईबीएस रोग) में खजूर के फायदे: आईबीएस रोग में भी खजूर के सेवन से लाभ होता है। 10-30 मिली खर्जूरासव का सेवन करने से आईबीएस रोग में लाभ होता है।
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पेशाब में खून आने की बीमारी में खजूर का सेवन फायदेमंद: खजूर, गम्भारी, तिन्दुकास्थि और गुडूचि से काढ़ा बनाएं और उसमें मधु मिलाकर सेवन करें। इससे पेशाब में खून आने की बीमारी (रक्तमेह) में लाभ होता है।
बुखार में खजूर के फायदे: खजूर, अनार, अंगूर और शर्करा को पीसकर, पेस्ट बनाएं। मुंह में रखने से पित्त दोष के कारण होने वाले बुखार और भूख की कमी में लाभ मिलता है।
रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना) में खजूर के फायदे: खजूर फल में मधु मिलाकर सेवन करें। यह रक्तपित्त (नाक-कान आदि अंगों से खून बहने की समस्या) में लाभकारी है।
सांसों की बीमारी में खजूर के सेवन से फायदा: खजूर और अंगूर को पीसकर घी में पकाएं और पिप्पली, शर्करा, और मधु मिलाकर सेवन करें। इससे गले की खराश, सांसों की बीमारी और बुखार में लाभ होता है।
खजूर के औषधीय गुण से मलेरिया का इलाज: खजूर के बीज और अपामार्ग की जड़ का पेस्ट (1-2 ग्राम) को समान मात्रा में लें। इसे ताम्बूल के साथ सेवन करने से विषमज्वर (मलेरिया) ठीक होता है।
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खजूर के पेड़ के निम्नलिखित भाग उपयोगी होते हैं:
खजूर का उपयोग कैसे करें?
खजूर को खाने से सभी फायदे को अधिकतम लाभ मिलता है। यहां खजूर से पूरा-पूरा लाभ लेने के बारे में सरल शब्दों में लिखा गया है, लेकिन खजूर का औषधि के रूप में उपयोग करने से पहले, चिकित्सक की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।