थायराइड से बचने के घरेलू उपचार और परहेज
Saturday, 16 Mar 2024 00:00 am

Health7

थायरॉइड की बीमारी आपको अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन से होती है। आयुर्वेद के अनुसार, थायरॉइड संबंधित रोग वात, पित्त और कफ के कारण होते हैं। जब शरीर में वात और कफ दोष होता है, तो व्यक्ति को थायरॉइड होता है। आप इसे आयुर्वेदिक उपचारों से ठीक कर सकते हैं। इसमें वात और कफ के दोष को संतुलित करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार किए जाते हैं। और अच्छी बात यह है कि आप घरेलू उपचारों का भी सहारा ले सकते हैं।

एलोपैथिक चिकित्सा में थायरॉइड विकार के लिए स्टीरॉइड्स का सेवन करना हानिकारक होता है। इसलिए, थायराइड को आयुर्वेदिक चिकित्सा से ठीक करना सर्वोत्तम माना जाता है।

थायरॉइड क्या है? 
थायरॉइड ग्रन्थि में आई गड़बड़ी के कारण थायरॉइड से संबंधित रोग जैसे थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता या थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता  होते हैं। थायरॉइड ग्रन्थि को अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। यह ग्रन्थि मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक है। यह शरीर की चयापचय क्रिया में विशेष योगदान करती है।

यह ग्रन्थि Tri–iodothyronin (T3) और Thyrocalcitonin नामक हार्मोन स्रावित करती है। ये हार्मोन शरीर के चयापचय दर और अन्य विकास तंत्रों को प्रभावित करते हैं। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है।

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थायरॉइड हार्मोन का काम:

थायरॉइड रोग के प्रकार:

  1. थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता 
  2. थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता 


थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता :
इसके कारण T4 और T3 hormone का अतिरिक्त उत्पादन होता है, जिससे शरीर में अत्यधिक ऊर्जा का उपयोग होता है। इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है। ये इसके लक्षण हैं:

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थायराइड की अल्प सक्रियता :
यह स्थिति हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जानी जाती है। इसकी पहचान निम्नलिखित परेशानियों से की जा सकती है:


थायरॉइड होने के अन्य कारण:
थायरॉइड ग्रंथि में सूजन :

यह स्थिति थायरॉइड ग्रंथि में सूजन के कारण होती है। प्रारंभ में इसमें थायरॉइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है, और बाद में इसमें कमी आ जाती है। इसका फलस्वरूप हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyrodism) हो जाता है। यह समस्या कई बार महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखी जाती है।

आयोडीन की कमी:
क्या आपको पता है, आहार में आयोडिन की कमी के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है, इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए आहार में आयोडिन युक्त नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

ग्रेव्स रोग :
ग्रेव्स रोग व्यस्क लोगों में हाइपोथायरायडिज्म  होने का मुख्य कारण है। इस रोग में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबायोडिट्स (Antibodies) का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। यह एक अनुवांशिक रोग है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है।

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थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज:

ध्यान दें: इन उपायों को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें और किसी भी दवा के सेवन के समय पर किसी भी तरह की गाइडेलाइंस का पालन करें।

थायरॉइड रोग के दौरान आपका खान-पान:

याद रखें, थायरॉइड रोग के लिए सही खान-पान का चयन करते समय अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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योगासन थायरॉइड के उपचार में मददगार हो सकते हैं। निम्नलिखित योगासन थायरॉइड की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं:

योगासन करते समय सावधानी बरतें और योग अभ्यास करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।