कपास के अनसुने फायदे
Sunday, 25 Feb 2024 00:00 am

Health7

कपास, व्यापार में सफेद सोना के नाम से मशहूर है, जिसका मतलब है कि कपास सुनते ही उम्दा गुणवत्ता के कपड़े का जिक्र आता है जो त्वचा के लिए सबसे सुरक्षित होते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह पता नहीं कि कपास के औषधीय गुण भी हैं।

कपास एक सदाबहार बहुवर्षीय पौधा है, जिसके हरे पत्ते और हल्के सफेद या पीले रंग के फूल होते हैं। कपास न केवल बेचने से हजारों लोगों को पेट भरता है, बल्कि इसे कई बीमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।

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कपास का पौधा बाग और बगीचों में, घरों और देवालयों के आंगनों में उचित सजावट के लिए लगाया जाता है। इसका स्टेम 0.60-2.5 सेमी ऊंचा होता है और यह झाड़ीदार होता है। कपास की रूई को वस्त्र या कपड़े बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

कपास प्राकृतिक रूप से मधुर और थोड़ी गर्म गुणधर्मी होता है। इसके अतिरिक्त, यह पित्त को बढ़ाने वाला, वात और कफ को शांत करने वाला, रुचिकारक होता है; प्यास, जलन, थकान, बेहोशी, कान का दर्द, कान से तरल निकलना, घाव, कटने और छिलने जैसी शारीरिक समस्याओं के लिए औषधि के रूप में काम करता है। कपास के बीज मधुर, गर्म, स्निग्ध, वात शांति और स्तन के आकार में वृद्धि करने वाले होते हैं। कपास का अर्क सिर और कान के दर्द को कम करने के साथ-साथ शंकु रोगों का उपचार करता है। 

कपास के अनेक फायदे

आयुर्वेद में प्रमुख रूप से प्रस्तुत होते हैं। यह न केवल दस्त, खांसी, रूसी, और सिरदर्द जैसी सामान्य बीमारियों के उपचार में सहायक है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी सहायक हो सकता है। चलिए, हम कपास के उपयोग और लाभों को विस्तार से समझते हैं।

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रूसी (Dandruff) में कपास के फायदे

आजकल, प्रदूषण और विभिन्न केमिकल से बने शैम्पू, हेयर लोशन, क्रीम आदि का उपयोग करने के कारण रूसी की समस्या बढ़ गई है। कपास का तेल रूसी की समस्या से निजात पाने में मदद कर सकता है। कपास के तेल को सिर पर लगाने से रूसी दूर होती है।

कान दर्द में कपास की मदद 

अगर किसी कारणवश कान में दर्द हो रहा है, तो कपास का घरेलू उपचार कारगर हो सकता है। 1-2 बूंद कपास के पत्ते का रस कान में डालने से कान का दर्द कम हो सकता है।

खाँसी में कपास का उपयोग

मौसम के बदलने के साथ हर बार खाँसी होने पर कपास का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। इंगुदी फल की त्वचा, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, मूसली, मनशिला, कपास की गुठली, और अश्वगंधा को समान मात्रा में पीसकर उसकी बत्ती बनाकर, घी में डुबाकर धूम्रपान करने से खाँसी में राहत मिल सकती है।

सांस की नली में सूजन को कम करने के लिए कपास

कपास के औषधीय गुण सांस की नली में सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके लिए 5 मिली फल के रस में मधु मिलाकर पीने से श्वासनलिका का सूजन कम हो सकता है।

खाने की इच्छा बढ़ाने में कपास का उपयोग 
अगर लंबे समय तक बीमार रहने या किसी बीमारी के कारण खाने की इच्छा न हो, तो कपास का घरेलू उपाय कारगर साबित हो सकता है। 2-4 ग्राम कपास के फूल के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि यानी खाने की इच्छा बढ़ सकती है।

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पाइल्स (बवासीर) में कपास के फायदे 

अगर ज्यादा मसालेदार खाने या अन्य कारणों से पाइल्स की समस्या हो, तो कपास का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। कपास के पत्ते का रस और नींबू का रस दोनों को समान मात्रा में मिलाकर सेवन करने से पाइल्स में लाभ हो सकता है।

मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी कपास 
मूत्र संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए कपास उपयोगी हो सकता है।

लिकोरिया या प्रदर से दिलाए राहत कपास 
महिलाओं की आम समस्याओं में से एक योनि से सफेद पानी निकलना है। कपास इस समस्या से राहत प्रदान कर सकता है। 1-2 ग्राम कपास की जड़ का काढ़ा बनाकर चावल के पानी के साथ सेवन करने से पाण्डु (खून की कमी) और प्रदर में लाभ हो सकता है।

गुप्त रोगों में उपयोगी कपास
गुप्त रोग या यौन रोग एक ऐसी समस्या है। सेक्स के दौरान इस रोग का होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कार्पास से निकाला गया तेल गुप्त रोगों में लाभकारी साबित हो सकता है।

अनार्तव में फायदेमंद कपास 
जब किसी महिला को मासिक धर्म तीन महीने से अधिक के लिए नहीं होता है, तो उसे अनार्तव कहा जाता है। पीरियड की यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि गर्भावस्था, मेनोपॉज, जनन नियंत्रण गोलियों का उपयोग, दवाओं के अवशेष, किशोरावस्था या तनाव। कपास कुछ हद तक इस समस्या में मदद कर सकता है। 1-2 ग्राम कपास के फूल का चूर्ण सेवन करने से अनार्तव और कठिनार्थव या अशुद्ध रक्ताशय में लाभ हो सकता है।

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स्तनों के विकास के लिए कपास के उपयोग

स्तनों के विकास के लिए कई प्रकार के कपास के उपयोग का वर्णन किया गया है, जो स्तनों की वृद्धि में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ अधिक विस्तृत जानकारी है:

अण्डकोष सूजन में कपास के फायदे
अंडकोष या टेस्टिकल में सूजन होने पर कपास से इस प्रकार का उपचार किया जा सकता है:

गठिया के दर्द में कपास के फायदे

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कुष्ठ में कपास के फायदे
कपास का औषधीय गुण कुष्ठ के कष्ट से आराम दिलाने में मदद कर सकता है।

कपास फूल के पेस्ट को लगाने से या कपास पञ्चाङ्ग रस में पकाए हुए तेल को लगाने से कपाल कुष्ठ में लाभ हो सकता है।

आग से जलने पर कपास के फायदे
रसोईघर में काम करते वक्त किसी न किसी वजह से हाथ जलना आम बात है, उस दौरान कपास का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी हो सकता है।

कपास के फूल के चूर्ण तथा बीज के तेल को मिलाकर आग से जलने, द्रव पदार्थ से जलने तथा खुजली में लगाने से लाभ हो सकता है।

विष के प्रभाव कम करने में कपास फायदे 

किसी भी सांप, बिच्छू के विष के असर को कम करने में कपास का औषधीय गुण काम करता है। -कपास फल को पीसकर, उसमें घी मिलाकर बिच्छू के कटे हुए जगह पर लेप करने से दंशजन्य दाह एवं वेदना कम हो सकती है। -500 मिग्रा से 1 ग्राम कपास की मींगी को दूध के साथ पीसकर पिलाने से समस्त प्रकार के विषों का प्रभाव कम हो सकता है।

कपास का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? 

बीमारी के लिए कपास के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी खास बीमारी के इलाज के लिए कपास का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार: