त्वचा हमारे शरीर के सौन्दर्य का मूल है। साधारण रूप से, त्वचा तीन प्रकार की होती है - तैलीय, शुष्क, और सामान्य। शुष्क त्वचा अधिक समस्या उत्पन्न करती है और इसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है। रूखी त्वचा के उपचार के लिए सबसे पहले घरेलू उपायों का उपयोग किया जाता है। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।
शुष्क त्वचा
हमारी त्वचा हमारे शारीरिक स्वास्थ्य का परिचय कराती है, यानी कि शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत है तो त्वचा भी निखरी हुई और चमकदार दिखेगी। संतुलित आहार, नियमित जीवनशैली, और स्वस्थ जीवन जीने से त्वचा की सेहत अच्छी रहती है। विपरीत, अनियमित जीवनशैली और अनस्वास्थ्य आहार के कारण बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे त्वचा बेजान दिखने लगती है। लेकिन घरेलू उपायों का उपयोग करने से त्वचा की खोई हुई चमक वापस आ सकती है।
यह भी पढ़ें-स्वास्थ्य के लिए लाल मिर्च का महत्त्व,हार्ट और डाइजेशन सिस्टम कोरखती है दुरुस्त
त्वचा के रूखेपन का कारण
इनके अलावा भी आयुर्वेद के अनुसार इन वजहों से त्वचा में रूखापन आता है
वातज त्वचा के कारण त्वचा में रूखापन आता है। यह त्वचा में वात की अधिकता के कारण होता है, जो ठंड के मौसम में त्वचा को बेहद रूखी-सूखी बना सकता है। इस तरह की त्वचा पतली, शुष्क और नमी की कमी होती है, जिससे त्वचा में सिबेशियस ग्रंथियाँ बन सकती हैं। इसलिए, इस तरह की त्वचा को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। प्राकृतिक तैलों से मालिश करने और पर्याप्त नींद लेने से इस त्वचा को पौष्टिकता मिलती है और रूखापन दूर होता है।
पित्तज त्वचा और कफज त्वचा दोनों ही विभिन्न प्रकार की दोषों के कारण होती हैं। पित्तज त्वचा में अधिक पित्त के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं, मुँहासे हो सकते हैं, और त्वचा बहुत ज्यादा संवेदनशील और मुलायम हो सकती है। इस तरह की त्वचा सूर्य की रोशनी में ज्यादा प्रभावी होती है और जल्दी सनबर्न होता है। इसे शीतवीर्य द्रव्यों के लेप और तैल से मालिश करने से आराम मिल सकता है।
यह भी पढ़ें-बच्चे के तुतलाने का इलाज: 5 घरेलू नुस्खे
दूसरी ओर, कफज त्वचा अधिक तैलीय, मोटी और ठंडी होती है। ऐसी त्वचा पर अधिक गंदगी जमा होने की संभावना होती है और मुँहासे की समस्या भी बढ़ सकती है। इस तरह की त्वचा की देखभाल में त्वचा के विषैले तत्वों को हटाने की जरूरत होती है।
कुछ आयुर्वेदिक उपचारों का अनुसरण करके, यह त्वचा प्रकृति की संतुलितता को बहाल रखने में मदद कर सकते हैं।
रूखी त्वचा की देखभाल के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
पर्याप्त पानी पीना: अपने दिनचर्या में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है और रूखापन से बचाव करता है।
नमी बनाए रखना: नमी को बनाए रखने के लिए त्वचा पर मोस्चराइज़र लगाएं। नमी की कमी के कारण रूखी त्वचा हो सकती है।
प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल: जैतून का तेल, नारियल का तेल, बादाम का तेल या लावंडर तेल जैसे प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल करें जो त्वचा को मोटी रखने में मदद करते हैं।
सही आहार: अपने आहार में ताजा फल, सब्जियाँ, अखरोट, बीज, और स्वस्थ तेलों को शामिल करें। ये आहार त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
गर्म पानी से बचें: गर्म पानी से स्नान करने की बजाय ठंडे या गुनगुने पानी से स्नान करें, क्योंकि गर्म पानी त्वचा को और अधिक शुष्क बना सकता है।
यह भी पढ़ें-प्रेग्नेंसी में थायराइड का खतरनाक असर: जानें लक्षण और बचाव
हाथों और पैरों की देखभाल: ध्यान दें कि आपके हाथ और पैर भी नम रहें, इसके लिए उन्हें भी मोस्चराइज़ करें और रोजाना बारिश के बाद पानी में भिगोकर टावल से पोंछें।
प्रतिदिन सुर्य संर्कण की सीमा को कम करें: धूप में ज्यादा समय बिताने से त्वचा को नुकसान हो सकता है, इसलिए सूर्य के तेज रेखाओं में बाहर निकलने से बचें।
त्वचा का रूखापन दूर करने के घरेलू उपाय
केसर और शहद का फेस पैक: एक छोटी चमच्च शहद में कुछ केसर के धागे मिलाएं और इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को नमी और चमक देगा।
शहद और निम्बू का फेस पैक: एक छोटी चमच्च शहद में आधा निम्बू का रस मिलाएं और इसे चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को मोटी और नरम बनाए रखेगा।
हल्दी और दही का मिश्रण: एक चमच्च ताजी दही में आधा चमच्च हल्दी पाउडर मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए रखें और फिर गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और चमकदार बनाता है।
शहद और दूध का फेस पैक: शहद को दूध के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट तक रखें। फिर गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को नमी और पोषण प्रदान करेगा।
यह भी पढ़ें-सर्दियों की यह सब्जी: आंखों और स्किन के लिए गुणकारी,वजन घटाना चाहते हैं तो खूब करें सेवन, जानें 5 बड़े फायदे
गुलाब जल और गुलाबी फूल का पेस्ट: गुलाब जल में गुलाबी फूलों को भिगोकर उन्हें पीस लें और इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को नमी और ताजगी प्रदान करेगा।
खीरा और दही का मास्क: एक छोटा खीरा और दो चमच्च दही को मिक्स करके एक मास्क बनाएं। इसे चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। यह त्वचा को मोइस्चराइज़ करेगा और रूखापन को दूर करेगा।
शहद के साथ बेसन का स्क्रब: शहद में थोड़ा सा बेसन मिलाकर एक स्क्रब बनाएं। इस स्क्रब को हल्के हाथों से चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। 5-10 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा के मरम्मत को बढ़ाएगा।
आलोवेरा जेल: आलोवेरा जेल को सीधे चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को हाइड्रेटेड और नरम बनाए रखेगा।
गुलाब जल: गुलाब जल को चेहरे पर स्प्रे करें और 10-15 मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह त्वचा को ठंडा करता है और रूखापन को कम करता है।
मिश्रित फल और शाकाहारी आहार: अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, और आमिनो एसिड्स सम्मिलित करें, जो त्वचा को स्वस्थ और ताजा रखते हैं।
ओटमील: ओटमील त्वचा के लिए वास्तव में उत्कृष्ट है, खासकर रूखी त्वचा के लिए। यह निर्मल करता है, शुष्कता को कम करता है, और त्वचा को मोइस्चराइज़ करता है।
ओटमील का इस्तेमाल करने के लिए:
यह आपकी त्वचा को शीतलता और आराम प्रदान करता है। आप इसे हफ्ते में कुछ बार अपना सकते हैं।
यह भी पढ़ें-दही के साथ न खाएं, इससे आपके स्वास्थ्य को हो सकता है नुकसान, जानें कौन-कौन सी चीजें हैं शामिल
मुल्तानी मिट्टी: मुल्तानी मिट्टी, दही, और नींबू का रस सभी को प्राकृतिक तरीके से त्वचा की देखभाल करने में मदद करते हैं। यहाँ इस उपाय को प्राप्त करने के लिए चरण दिए गए हैं:
इस उपाय को हफ्ते में दो-तीन बार अपनाने से त्वचा में निखार और चमक आएगी। यह आपकी त्वचा को मोइस्चराइज़ करेगा और उसे स्वस्थ और जीवंत बनाए रखेगा।
उड़द की दाल: उड़द की दाल में मौजूद गुणों का उपयोग करते हुए, यह मास्क आपकी त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने में मदद कर सकता है। यहाँ इस उपाय को प्राप्त करने के लिए कदम दिए गए हैं:
यह मास्क आपके चेहरे को मोइस्चराइज़ करके उसे नरम और मुलायम बनाता है। उड़द की दाल के गुण आपकी त्वचा को स्वस्थ और जीवंत बनाए रखने में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें-5 सबसे हॉट फूड जो सितमगर सर्दी में मदद करेंगे
रूखी त्वचा के लिए आयुर्वेदिक उपचार सही हो सकते हैं?
जी हाँ क्योंकि ये प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं। आयुर्वेदिक औषधियों और प्रथामिक उपचारों में उपयोग किए जाने वाले तत्व त्वचा को उचित पोषण प्रदान कर सकते हैं और रूखापन से छुटकारा दिला सकते हैं। ये प्राकृतिक उपाय त्वचा को ग्लो करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही त्वचा को मोइस्चराइज़ करने और स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होते हैं।
आयुर्वेदिक उपचारों में उपयुक्त घरेलू उपचार, जैसे कि तिल के तेल, शहद, नारियल तेल, दही, और उड़द की दाल, रूखी त्वचा को नमी और चमक देने में मदद कर सकते हैं। इनके उपयोग से त्वचा को पोषण मिलता है और इसकी स्वास्थ्य बनी रहती है।
कृत्रिम उत्पादों का प्रयोग करने से पहले, विशेष रूप से रूखी त्वचा के लिए, आपको उत्पाद के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पाद में किसी भी नुकसानकारक या अनुकूलित तत्वों का संदेश नहीं है। अधिकतर स्थितियों में, प्राकृतिक उपचार ही सर्वोत्तम होते हैं, क्योंकि ये त्वचा को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं और किसी भी साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता।